नंदू रिक्शा लेकर वापस दवाई के दुकान के पास पहुंचा। चिंतामणि अब भी पेड़ के नीचे ही बैठा था जहाँ उसे बिठाया गया था, जबकि उधर अब छाया नही धूप थी। ...

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